MP BOARD abhyash preboard paper class 12th hindi Set D full solution 2023 | कक्षा 12 हिंदी model paper solution

 MP BOARD abhyas prashn patra paper 2023 :  हेलो फ्रेंड्स इस पोस्ट में हम एमपी बोर्ड के द्वारा जारी किया गया कक्षा बारहवीं के लिए अभ्यास set पेपर का SET D का सलूशन देखेंगे जो कि आपकी board परीक्षा 2023 के लिए बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है ।  इस प्रश्न पत्र में इस मॉडल पेपर में जितने भी प्रश्न है सभी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए सभी का सलूशन अच्छे से आप कर लीजिए साथ इसका PDF भी कैसे डाउनलोड करना है नीचे में बताऊंगा > 





अभ्यास पेपर कितना उपयोगी है ?

आप सबको पता ही है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल के द्वारा आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा के अभ्यास के लिए मंडल द्वारा इस वर्ष सभी विषयों के 4- 4 sets पेपर जारी किए गए हैं यह मॉडल पेपर बोर्ड की परीक्षा के पेपर की जैसे ही होते हैं और इसी प्रकार से आप के बोर्ड के पेपर आते हैं,

उन्हीं को ध्यान में रखते हुए प्रश्न प्रश्नों का पैटर्न आपको बताया जाता है जिससे आपको बोर्ड परीक्षा का अंदाजा लग सके इन प्रश्न पत्रों में जैसे प्रश्न है उसी प्रकार से आप की बोर्ड  परीक्षा में प्रश्न आएंगे इसीलिए इस प्रश्न पत्र के सभी प्रश्नों को अच्छे से सॉल्व कर दीजिए साथ ही उन्हें लिखकर भी देख लीजिए ताकि आप पेपर को सॉल्व सही तैयारी कर सकें और लगभग 40 से 50% तक प्रश्न इसमें से आप की बोर्ड परीक्षा में आ सकते हैं ।

                        अभ्यास प्रश्न पत्र 2023

                                विषय- हिन्दी

                                  SET - D

                               कक्षा 12 वीं

पूर्णांक- 80                              समय-3:00 घंटा

निर्देश:-

1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। 

2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, जिनके लिए 1 x 32 = 32 अंक आंवटित हैं।

3. प्रश्न क्र. 6 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा 30 शब्द है। 

4. प्रश्न क्र. 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा 75 शब्द है।

5. प्रश्न क्र. 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा 120 शब्द है।

6. प्रश्न क्र. 6 से 23 तक सभी प्रश्नों के आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।


1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए-(1x6=6)

i. दिन जल्दी जल्दी ढलता है- गीत बच्चन के किस काव्य संग्रह से लिया गया है?

(अ) मधुशाला

(ब) मिलनयामिनी

(स) निशा निमंत्रण

(द) मधुकलश

उत्तर - निशा निमंत्रण 

ii. किस रस को 'रसराज' कहा गया है?

(अ) करुण

(ब) श्रृंगार

(स) भक्ति

(द) वात्सल्य

उत्तर - शृंगार 

iii. 'जिठौत' का अर्थ है-

(अ) बड़ा भाई

(स) जेठ का पुत्र

(ब) ससुर का पुत्र

(द) देवर का पुत्र

उत्तर - जेठ का पुत्र

iv. "अंगार उगलना' का अर्थ है-

(अ) आग लगाना

(ब) भयंकर गर्मी

(स) गाली देना

(द) कठोर वचन कहना

उत्तर - कठोर वचन कहना

V. मराठी भाषा में लिखी गई कहानी 'जूझ' का हिंदी अनुवाद किया-

(अ) श्याम मनोहर जोशी ने 

(ब) ओम थानवी ने 

(स) केशव प्रथम वीर ने 

(द) ऐन फ्रैंक ने

उत्तर - केशव प्रथम वीर ने 

vi.भारत में पहला छापाखाना खुला-

(अ) 1500 में

(ब) 1556 में

(स) 1580 में 

(द) 1599 में 

उत्तर - 1556 में

2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए-(1x7=7)

i.कविता के पंख लगा उड़ने के माने. ...क्या जाने । (चिड़िया / बच्चे / माँ )

उत्तर - चिड़िया 

ii. "भक्तिकाल को हिन्दी पद्य साहित्य का ..माना जाता है। (स्वर्ण युग / रजत युग / प्रथम युग )

उत्तर - स्वर्ण युग 

iii. काव्य का शरीर.....को कहा जाता है। (छन्द / अलंकार / रस )

उत्तर - छंद 

iv. 'मैला आंचल' उपन्यास के लेखक. . हैं। (फणीश्वरनाथ/ रेणु विष्णु खरे / प्रेमचंद) 

उत्तर - फणीश्वरनाथ रेणु

v....................... वाक्यों में किसी बात को साधारण रूप से कहा जाता है। (संकेतवाचक वाक्य / विधि वाचक वाक्य / प्रश्न वाचक वाक्य )

उत्तर - विधि वाचक वाक्य 

vi. यशोधर बाबू मूल रूप से.. . के रहने वाले थे। (गोरखपुर/ कुमाऊं / दतिया)

उत्तर - कुमायूं 

vil.'संपादक के नाम पत्र स्तम्भ...को प्रतिबिंबित करता है। (जनमत / तानाशाही / अवसरवाद)

उत्तर - जनमत 


3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए-    (1x6=6)

स्तम्भ ( अ )                                    स्तम्भ (ब)

I. 'बादल राग'                  (क) डवल्यु. एच. ऑर्डेन

ii. वर्ण के बोलने में लगा समय(ख) निराला

iii.'पहलवान की ढोलक      (ग) मात्रा

iv. प्रश्नबोधक निपात शब्द   (घ) ओम थानवी

V. 'अतीत में दबे पांव'            (ड.) क्या, कब

vi. 'प्ले विद द वर्ड'              (च) चिड़िया

                                         (छ) रघुवीर सहाय

                                       (ज) फणीश्वरनाथ रेणु

उत्तर - i.-(ख), ii. - (ग), iii. - (ज), iv.- (ड.), v.-(क)


4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में उत्तर लिखिए-  (1x7=7)

i. विप्लव का वीर किसे कहा गया है?

उत्तर - क्रांति के बादल को 

॥. जहाँ उपमेय को उपमान से श्रेष्ठ बताया जाए, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?

उत्तर - व्यतिरेक अलंकार 

iii. हिन्दी गद्य का जनक किसे माना जाता है ?

उत्तर - भारतेन्दु हरिश्चंद्र 

iv. भारत का संविधान निर्माता किसे कहा जाता है?

उत्तर - डॉ. भीमराव अंबेडकर 

v. पुनरुक्त शब्द युग्म के दो उदाहरण लिखिए।

उत्तर - धीरे - धीरे , जल्दी- जल्दी 

vi. मुअनजोदड़ो नगर कितने हजार साल पुराना है? 

उत्तर -5 हजार साल 

vii. कौन-सा स्तम्भ जनमत को प्रतिबिंबित करता है?

उत्तर - सम्पादक के नाम पत्र 


5. सत्य-असत्य कथन लिखिए-

i. कविता सृजन के लिए शब्द रूपी बीज को कल्पना की खाद की आवश्यकता नहीं होती है। 

उत्तर - असत्य 

ii. 'अखियाँ हरि दर्शन की प्यासी में वियोग श्रृंगार रस हैं।

उत्तर - सत्य 

iii. 'क्रंदन' का अर्थ प्रसन्न होना है।

उत्तर - असत्य 

iv.'गुरुत्वाकर्षण' तकनीकी शब्द है।

उत्तर - सत्य 

V. कविताओं के साथ खेलते हुए लेखक आनंद को दो बड़ी शक्तियाँ प्राप्त हुईं। 

उत्तर - सत्य 

vi.उल्टा पिरामिड शैली को दो भागों में बाँटा गया है।

उत्तर - असत्य 



प्र 6. प्रगतिवाद के दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक एक रचना का नाम लिखिए। (02 अंक)

उत्तर -i.सुमित्रानंदन पंत  :  रचनाएं: 1. युगांत 2. युगवाणी

          ii. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला:  रचनाएं 1. कुकुरमुत्ता 2. अणिमा

अथवा

नई कविता की कोई दो विशेषताएँ / प्रवृत्तियाँ लिखिए।

उत्तर - 1. नई कविता जीवन के हर क्षण को सत्य ठहराती है।

            2. नई कविता की वाणी अपने परिवेश के जीवन अनुभव पर आधारित है।


प्र 7. स्रेह सुरा से क्या आशय है? लिखिए । (02 अंक)

उत्तर - 'स्नेह-सुरा से आशय है-प्रेम की मादकता और उसका पागलपन, जिसे कवि हर क्षण महसूस करता है और उसका मन झंकृत होता रहता है।

अथवा

उषा का जादू क्या है, और क्यों टूट रहा है

उत्तर -उषा का जादू यह है जो सूर्योदय से पहले गाँव की सुबह के जासमान में उषा की जो लालिमा छाई होती है, वह लालिमा अद्भुत दृश्य प्रभाव पैदा करती है। ये दृश्य सौंदर्य की दृष्टि से बेहद मनमोहक लगता है यही उषा का जादू है उषा का जादू इसलिए टूट रहा है, क्योंकि सूर्य उदय हो रहा है और सूर्य की किरणों के आने से उषा का प्रभाव खत्म हो रहा है, उसका जादू टूट रहा है।


प्र 8. प्रसाद गुण संपन्न कविताओं की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर - 1. 'स्वच्छता' एवं स्पष्टता' प्रसाद गुण की प्रमुख विशेषताएँ मानी जाती है।

            2. प्रसाद गुण में पांचाली रीति होती है। 

अथवा

कोई दो खंडकाव्य और उनके रचनाकारों के नाम लिखिए।

उत्तर - 1. पंचवरी रचनाकार मैथिलीकरण गुप्त 

            2. सुदामा चरित रचनाकार नरोत्तम दास

            3. मेघदूत रचनाकार कालिदास


9. विरोधाभास अलंकार की परिभाषा लिखिए। (02 अंक)

उत्तर - परिभाषा: जब किसी वस्तु का वर्णन करते समय विरोध के न होते हुए भी विरोध का आभास होता हो वहाँ पर विरोधाभास अलंकार होता है।

उदाहरण:

1. आग हूँ जिससे ढुलकते बिंदु हिमजल के शून्य हूँ जिसमें बिछे हैं पांवड़े पलकें।

2. बैन सुन्या जबतें मधुर, तबतें सुनत न बैना

उपर दिए गए वाक्य में आग हूँ' और 'शून्य हूँ' में तथा 'बैन सुन्यों' और 'सुनत न बैन में विरोध दिखाई पड़ता है। सच तो यह है कि दोनों में वास्तविक विरोध नहीं हो रहा है। यह विरोध तो प्रेम की तन्मयता का सूचक है।

अथवा

लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर -परिभाषा मुख्यार्थ की बाधा होने पर, रूडि (लोक प्रसिद्ध) या प्रयोजन (उद्देश्य) के कारण, जिस शक्ति के द्वारा मुख्यार्थ से सम्बद्ध अन्य अर्थाप्ति हो, उस शब्द शक्ति को लक्षणा कहा जाता है।

उदाहरण- यदि हम कहें कि 'लड़का शेर है तो इसका लक्ष्यार्थ है 'लड़का निडर है। यहाँ पर शेर का सामान्य अर्थ अभीष्ट नहीं है। लड़के को निडर बताने के प्रयोजन से उसके लिए शेर शब्द का प्रयोग किया गया है।


प्र 10. निबंध को गद्य की कसौटी क्यों कहा जाता है ? (02 अंक)

त्तर - "निबंध को गद्य की कसौटी कहा गया है।" इस कथन का तात्पर्य है कि, पद्य की तुलना में गद्य रचना संपन्न करना दुष्कर कार्य है, क्योंकि अगर आठ पंक्तियों वाली कविता में यदि एक पंक्ति भी भावपूर्ण लिख जाती हे तो कवि प्रशंसा का भागी होता है, परंतु गद्य के संदर्भ में ऐसा नहीं देखा जाता। गद्यकार को एक-एक वाक्य सुव्यवस्थित एवं सोच-विचारकर लिखना होता है उसी स्थिति में गद्यकार प्रशंसनीय है। गद्य में निबंध लेखन बहुत ही दुष्कर कार्य है। निबंध को सुरुचिपूर्ण, आकर्षक एवं व्यवस्थित होना चाहिए। इसी हेतु निबंध की कसौटी कहा गया है।

अथवा

शुक्लयुग के गद्य की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर - शुक्लोत्तर युग का साहित्य मार्क्सवादी विचारधारा से अनुप्राणित है। शुक्लोत्तर युग का गद्य सहज, व्यावहारिक, सामाजिक, प्रवाहपूर्ण, विचारशीलता और विषय वैविध्य से ओत-प्रोत है।


प्र 11. लगान न चुकाने पर जमींदार ने भक्तिन को क्या सजा दी ? (02 अंक)

उत्तर - एक बार लगान न पहुँचने पर जमींदार ने भक्तिन को बुलाकर दिन भर कड़ी धूप में खड़ा रखा। यह अपमान तो उसकी कर्मठता में सबसे बड़ा कलंक बन गया, अतः दूसरे ही दिन भक्तिन कमाई के विचार से शहर आ पहुँची।

अथवा

'पर्चेजिंग पावर' से लेखक जैनेन्द्र कुमार का क्या आशय है?

उत्तर - पर्चेजिंग पावर का आशय है खरीदने की शक्ति पर्चेजिंग पावर के घमंड में व्यक्ति दिखावे के लिए आवश्यकता से अधिक खरीदारी करता है और बाजार को शैतानी व्यंग्य शक्ति देता है। ऐसे लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं।

प्र 12. लोकोक्ति और मुहावरे में दो प्रमुख अंतर लिखिए।(02 अंक)

उत्तर -  

  लोकोक्ति                                                   

 • लोकोक्तियाँ विस्तृत रूप में होती हैं।                                        

• इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से हो सकता है।           

• यह अविकारी होते हैं जिनका अर्थ नहीं बदलता 

• उदाहरण मन के हारे हार है, मन के जीते जीत ।  

 मुहावरे

• मुहावरे संक्षिप्त रूप में होते है।  

 • इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकता है।

• मुहावरे विकारी होते हैं अर्थात वाक्य अनुसार इनका अर्थ बदल जाता  है। 

• उदाहरण अक्ल पर पत्थर पड़ना

अथवा

तकनीकी शब्द' किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए।

त्तर -तकनीकी वह शब्द है जो किसी निर्मित अथवा खोजी गई वस्तु अथवा विचार को व्यक्त करता हो। कोश ग्रंथों के अनुसार तकनीक शब्द किसी ज्ञान विज्ञान के विशेष क्षेत्र में एक विशिष्ट तथा निश्चित अर्थ में प्रयुक्त किया जाता है।

उदाहरण: दुकान, बाजार, इंस्टीट्यूट इत्यादि।


प्र  13. राष्ट्रभाषा की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। (2 अंक)

उत्तर -(1) राष्ट्रभाषा देश में बहुसंख्यक लोगों की भाषा होती है।

(2) राष्ट्रभाषा सीखाने में सरत होती है तथा इसकी लिपि वैज्ञानिक होती है।

(3) राष्ट्रभाषा संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।

(4) यह देश में शिक्षा व समाचार-पत्रों की भाषा होती है। 

(5) यही राजभाषा और सम्पर्क भाषा हो सकती है।

अथवा

राजभाषा किसे कहते हैं? किन्हीं दो राज्य की राजभाषा लिखिए।

उत्तर -राजभाषा किसी प्रदेश में जिस भाषा का प्रयोग शासकीय कार्य, शिक्षण एवं समाचार प्रसारण हेतु किया जाता है, वह वहां की राजभाषा या प्रादेशिक भाषा कहलाती है।

दो राज्य की राजभाषा

महाराष्ट्र - मराठी

ओडिशा - ओरिया 

प्र 14 सिल्वर वेडिंग का आयोजन क्यों हुआ था ?(02 अंक)

उत्तर -यशोधर बाबू की शादी 6 फरवरी सन 1947 को हुआ था और उनके शादी के 25 वर्ष पूरे होने की खुशी में सिल्वर वेडिंग का आयोजन किया गया था।

अथवा

यशोधर बाबू के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।(02-अंक)

उत्तर - 1. संस्कारी - यशोधर बाबू परम्परावादी व संस्कारी व्यक्ति हैं। वे अपनी पुरानी आदतों और संस्कारों से बँधे हुए हैं। 

2. सादगी पसंद - यशोधर बाबू सरल-सादी, रिश्ते-नातों वाली शांत सुरक्षित जिन्दगी जीना चाहते हैं।


प्र 15. एक अच्छे लेखन के लिए ध्यान देने योग्य दो प्रमुख बातें लिखिए।

उत्तर - 1. छोटे-छोटे वाक्य लिखे जटिल वाक्य की तुलना में सरल वाक्य की संरचना को वरीयता दें। 

2. एक अच्छे लेखक को पूरी दुनिया से लेकर अपने आसपास चढ़ने वाली घटनाओं, समाज और पर्यावरण पर गहरी निगाह रखनी चाहिए और उन्हें इस तरह से देखना चाहिए कि वे अपने लेखन के लिए उससे विचारबिंदु निकाल सकें।

अथवा

एक सफल साक्षात्कार कर्ता के कौन कौन से गुण होते हैं? संक्षिप्त में लिखिए।

उत्तर -1. नौकरी के बारे में ज्ञान एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता को उस नौकरी के बारे में पर्याप्त जानकारी होती है। जिसके लिए वह साक्षात्कार ले रहा है।

2. ध्यान से सुन रहा हूँ अच्छे साक्षात्कारकर्ता चौकस श्रोता होते हैं। वे जितना बोलते हैं उससे ज्यादा सुनते हैं। 

3. क्रोध और आक्रामकता पर नियंत्रण क्रोध, अहंकार या आक्रामकता पर नियंत्रण सफल साक्षात्कारकर्ताओं की एक मूलभूत विशेषता है। उन्हें आक्रामक या डराने वाला नहीं होना चाहिए।

प्र 16. निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला अथवा रघुवीर सहाय के साहित्य की काव्यगत विशेषताएँ लिखिए । (03-अंक)

1) दो रचनाएं (i) भावपक्ष (i) साहित्य में स्थान

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के साहित्य की काव्यगत विशेषताएँ-

उत्तर - रचनाएं - गीतिका, अनामिका, तुलसीदास, बेल

भाव पक्ष - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की कविता की भावभूमि बहुत व्यापक एवं बहुरंगी है। उनकी कविता में पौरूष का औज है निराला जी छायावाद के प्रमुख प्रवर्तक में से एक थे इसलिए छायावादी काव्य की समस्त विशेषताएं उनके काव्य की पूर्ण रूप में पाई जाती है। इनकी कविता में राष्ट्रीय भाव धारा प्रवाहित है।

समय में स्थान- छायावादी कवियों में निराला जी अपने अनूठे प्रयोग धार्मिकता के कारण अन्यतम स्थान के अधिकारी हैं। वह युगांतकारी कवि एवं महामानव हैं। निराला जी हिंदी साहित्य में एक प्रबल शक्ति व हिंदी साहित्य को वरदान साबित होंगे।

अथवा

रघुवीर सहाय के साहित्य की काव्यगत विशेषताएँ-

रचनाएँ : सीढ़ियों पर धूप में आत्महत्या के विरुद्ध हँसो हँसो जल्दी हँसी, लोग भूल गए हैं।

भाषा-शैली : रघुवीर सहाय की अपनी काव्य शैली है उनकी भाषा सरल साफ-सुथरी एवं सधी हुई है। उनकी भाषा शहरी होते हुए भी सहज व्यवहार वाली है, सजावट की वस्तु नहीं रघुवीर सहाय ने अपने काव्य में आम आदमी की पीड़ा व्यक्त की है। इन्होंने सड़क, चौराहा, दफ़्तर, अखबार, संसद, बस, रेल और बाजार की बेलीस भाषा में कविता लिखी। घर-मोहल्ले के चरित्रों पर कविता लिखकर उन्हें हमारी चेतना का स्थायी नागरिक बनाया

साहित्य में स्थान : एक उत्तम निबन्धकार, उपन्यासकार, कवि और सर्वश्रेष्ठ नाटककार । 


प्र 17. निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर धर्मवीर भारती अथवा हजारी प्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय लिखिए-

(i) दो रचनाएँ (ii) भाषा शैली (ii) साहित्य में स्थान ।

उत्तर - 

धर्मवीर भारती का साहित्यिक परिचय-

रचनाएँ गुनाहों का देवता, कनुप्रिया

भाषा-शैली : भारती जी की भाषा प्रवाहपूर्ण, सशक्त और प्रौढ़ है। इनकी रचनाओं में परिष्कृत और • परिमार्जित भाषा का प्रयोग मिलता है। इनकी भाषा में सरलता, सहजता, सजीवता और आत्मीयता का पुट है तथा देशज, तत्सम और तद्भव सभी प्रकार के शब्दों के प्रयोग हुए हैं। मुहावरों तथा कहावतों के प्रयोग से भाषा में गति और बोधगम्यता आ गई है।

साहित्य में स्थान - एक उत्तम निबन्धकार, उपन्यासकार, कवि और सर्वश्रेष्ठ नाटककार ।

अथवा

हजारी प्रसाद द्विवेदी का साहित्यिक परिचय-

रचनाएँ - सूर साहित्य, अशोक के फूल ।

भाषा-शैली : आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदीजी सरल, स्वाभाविक और सहज रूप में बोधगम्य भाषा का • प्रयोग करने में कुशल थे। उन्होंने ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया, जो कृत्रिम अथवा प्रयासजन्य हो। उनकी भाषा में बोलचाल की भाषा की ही प्रधानता रही है। बोलचाल की भाषा के माध्यम से उन्होंने गम्भीर तथ्यों को भी सरलता से प्रस्तुत कर दिया है। शुद्ध साहित्यिक भाषा के स्थान पर उन्होंने जन सामान्य की तत्समबहुला भाषा को अधिक पसन्द किया है। 

साहित्य में स्थान- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी आधुनिक युग के अत्यंत सम्मानित साहित्यकार हैं। ललित निबन्ध सृजन की नूतन परंपरा का सूत्रपात करने का श्रेय आपको दिया जाता है। द्विवेदी जी हिंदी साहित्य के अमर रचनाकार हैं।


18. कंप्यूटर शिक्षकों की आवश्यकता हेतु एक विज्ञापन बनाकर लिखिए। (03 अंक)

उत्तर -




अथवा 

छात्र के कक्षा में विलंब से पहुंचने पर शिक्षक छात्र के बीच होने वाले संवाद को लिखिए।

उत्तर - 

विद्यार्थी:  क्या मैं अंदर आ सकता हूँ, सर?

अध्यापक: अंदर आओ, मैं तुमसे देर से आने का कारण पूछ सकता हूँ।

विद्यार्थी : सर मेरे घर में मेरे पिताजी की तबीयत अचानक सुबह खराब हो गयी, मुझे अपनी माँ के साथ उन्हें अस्पताल लेकर जाना पड़ा।

अध्यापकः सच कह रहे हो या देर से आने की बहानेबाजी कर रही हो।

विद्यार्थी : बिल्कुल सच कह रहा हूँ, सर आप मेरी माँ को फोन करके पूछ सकते है, पिताजी अभी हास्पिटल में ही भर्ती हैं। ये रहा दवाइयों का पर्चा जो मुझे शाम स्कूल से लौटते समय लेनी है। 

अध्यापक: अच्छा ठीक है, जाओ जाकर अपनी बेंच पर बैठ जाओ, आइंदा ध्यान रखना।

विद्यार्थी :सर मैं हमेशा समय पर आता हूँ आज अपने पिताजी की बीमारी के कारण ही दिन होगी।

अध्यापक : मुझे पता है, इसीलिये मेने तुम्हे कोई सजा नहीं दी।

विद्यार्थी : धन्यवाद सर


प्र 19. निम्नलिखित अपठित गद्यांश काव्यांश को पढकर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (03 अंक)

अभी कुछ समय पहले ही संयुक्त परिवार हमारी संस्कृति की विशेषता हुआ करता था। संयुक्त परिवार को परिभाषित करते हुए हम कह सकते हैं कि जिसमें एक ही घर में एक साथ कई पीढ़ियों के लोग रहते हैं। जिस परिवार में तीन या अधिक पीढ़ियों के सदस्य साथ-साथ निवास करते हैं जिनकी रसोई, पूजा एवं संपत्ति सामूहिक होती है। संयुक्त परिवार को यदि आज की आवश्यकता कहा जाए तो गलत न होगा। ऐसे परिवार में मिलजुल कर रहने की भावना की प्रधानता होती है इसमें सभी लोग एक दूसरे का सहारा बनते हैं। लेकिन आधुनिक समय में ऐसे परिवार का चलन कम हो गया है जिससे कई समस्याएं पैदा हो रही हैं। इस पूरे संदर्भ में एक बात बहुत अच्छी है कि युवा पीढ़ी का ध्यान इसके समाधान की ओर गया है। उसे लगता है कि संयुक्त परिवारों का टूटना अच्छे संस्कारों पर ग्रहण लगने के समान है। अतः इस परंपरा को पुनर्जीवित करना जरूरी है ताकि समस्याओं का समाधान हो सके उन्हें अकेलेपन से मुक्ति मिल सके तथा बच्चों को स्वस्थ और आनंदमयी वातावरण मिल सके।

प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए। 

उत्तर - संयुक्त परिवार

2. आधुनिक युवा पीढ़ी की अब संयुक्त परिवार के बारे में क्या सोच है?

उत्तर - आधुनिक युवा पीढ़ी को लगता है कि संयुक्त परिवारों का टूटना अच्छे संस्कारों पर ग्रहण लगने के समान है। अतः इस परंपरा को पुनर्जीवित करना जरूरी है ताकि समस्याओं का समाधान हो सके, उन्हें अकेलेपन से मुक्ति मिल सके तथा बच्चों को स्वस्थ और आनंदमयी वातावरण मिल सके।

3. संयुक्त परिवार को कैसे परिभाषित किया जा सकता है?

उत्तर - संयुक्त परिवार जिसमें एक साथ एक एक ही घर में कई पीढ़ियों के लोग रहते हैं। जिस परिवार में तीन या अधिक पीढ़ियों के सदस्य साथ साथ निवास करते है, जिनकी रसोई, पूजा पाठ एवं संपत्ति सामूहिक होती है उसे ही सयुंक्त परिवार कहते है।

अथवा

जी, पहले कुछ दिन शर्म लगी मुझको,

जी, लोगों ने तो बेच दिये ईमान,

पर पीछे-पीछे अक्ल जगी मझको, 

जी, आप न हो सुनकर ज्यादा हैरान, 

मैं सोच समझकर आखिर अपने गीत बेंचता हूँ, 

जी हाँ हुजूर में गीत बेंचता हूँ।


प्रश्न-

i. उपर्युक्त काव्यांश का शीर्षक लिखिए। 

उत्तर - गीत-फरोश 

ii. कवि को गीत बेचने में शर्म क्यों नहीं आती?

उत्तर - कवि अत्यंत नाटकीय लेकिन सहज ढंग से कहता है कि पहले-पहले जब मैंने गीत बेचना आरंभ किया तो शर्म आई लेकिन बाद में बुद्धि आ गई। जहां लोग किसी भौतिक वस्तु की भांति अपना ईमान तक बेच डालते हैं वहां गीतकार गीत क्यों नहीं बेच सकता इसमें हैरान होने की कोई बात ही नहीं है, इसलिए सोच समझकर आखिर मैंने गीत बेचना अर्थात् अपनी कलम की स्वतंत्रता को कुछ पैसों के लिए बेचना आरंभ कर दिया।

iii. उपर्युक्त काव्यांश का मूल भाव लिखिए।

उत्तर -कविता का मूल भाव यह है कि इसमें पूँजीवादी सामन्तवादी व्यवस्था पर व्यंग किया गया है जिसमें "लोगों ने तो ईमान बेच दिए है। देश-भक्ति, मानव सेवा का उपदेश देने वाले लोग को लूट रहे हैं। आर्थिक मूल्यों की प्रधानता वाले समाज में हर वस्तु विकाऊ हो गई है। आधुनिक समाज की विषम स्थितियों पर यह कविता सटीक टिप्पणी करती है।


प्र 20. निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ संदर्भ प्रसंग तथा सौन्दर्य बोध सहित लिखिए- (4 अंक )

धूत कहो , अवधूत कहो , रजपूतह कहो , जोलहा कहौ कोऊ । 

काहू की बेटी सों बेटा न ब्याहब काहूकी जाति बिगार न सोऊ। 

तुलसी सरनाम गुलाम है राम को जाको रूचै सो कहै कछु ओऊ। 

माँगी के खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एक न दैबको दोऊ ।

उत्तर - संदर्भ- प्रस्तुत काव्यांश भक्त कवि तुलसीदास द्वारा रचित कवितावली' के 'उत्तर-कांड' से लिया गया है।

प्रसंग- इस कृति में तुलसीदास ने राम की कीर्ति के वर्णन के साथ-साथ इसमें वर्तमान की यथार्थ परिस्थितियों का सजीव चित्रण किया है। कवि किसी की परवाह नहीं करता कि कोई उसे क्या कहता है वह तो अपने आराध्य राम का दास है।

भावार्थ- तुलसीदास कहते हैं चाहे कोई मुझे चूर्त कह, अथवा तपस्वी साधु कोई मुझे राजपूत समझे या जुलाहा ही क्यों न कहे मुझे इससे कोई अंतर नहीं पड़ता लोगों के कुछ कहने सुनने से मुझे कोई मतलब नहीं है क्योंकि मुझे किसी की बेटी से अपना बेटा नहीं ब्याहना । इस प्रकार किसी से सामाजिक संबंध बनाकर में उनकी जाति भी नहीं बिगाड़ना चाहता। यह जगत् प्रसिद्ध है कि तुलसी केवल राम का गुलाम है वह श्रीराम के अतिरिक्त अन्य किसी का आश्रय नहीं चाहता। इसलिए जिसको जो कुछ अच्छा लगे, वही मेरे बारे में कहे मेरा परिचय तो सर्वविदित है। मैं तो माँगकर अपना पेट भरता हूँ और मंदिर में सोता हूँ। मुझे किसी से कुछ लेना-देना नहीं है अर्थात् किसी से मेरा कोई संबंध नहीं । 

अथवा

छोटा मेरा खेत चौकोना 

कागज का एक पन्ना, 

कोई अंधड कहीं से आया 

क्षण का बीज वहाँ बोया गया।

कल्पना के रसायनों को पी 

बीज गल गया निःशेष; 

शब्द के अंकुर फूटे, 

पल्लव- पुष्पों से नमित हुआ विशेष।

सन्दर्भ- प्रस्तुत काव्यांच हमारी पाठ्यपुस्तक 'मारोह, भाग-2' में संकलित कविता 'छोटा मेरा खेल' से उद्धृत है। इसके रचयिता गुपाराती कवि उमाशंकर जोशी हैं।

प्रसंग- इस अंग में कवि ने खेत के माध्यम से कवि-कर्म का सुंदर चित्रण किया है।

भावार्थ- कवि कहता है कि उसे कागज का पन्ना एक चौकोर खेत की तरह लगता है। उसके मन में कोई भावनात्मक आवेग उमड़ा और वह उसके खेत में विचार का बीज बोकर चला गया। यह विचार का बीज कल्पना के सभी सहायक पदार्थों को पी गया तथा इन पदार्थों से कवि का अहं समाप्त हो गया। जब कमि का अहं हो गया तो उससे सर्वजनहिताय रचना का उदय हुआ तथा शब्दों के अंकुर फूटने लगे। फिर उस रचना ने एक संपूर्ण रूप ले लिया। इसी तरह खेती में भी बीज विकसित होकर पौधे का रूप धारण कर लेता है तथा पत्तों व फूलों से लदकर झुक जाता है।


प्र 21. निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ प्रसंग एवं विशेष सहित लिखिए-(4 अंक)

भक्तिन और मेरे बीच में सेवक स्वामी का संबंध है, यह कहना कठिन है, क्योंकि ऐसा कोई स्वामी नहीं हो सकता, जो इच्छा होने पर भी सेवक को अपनी सेवा से हटा न सके और ऐसा कोई सेवक भी नहीं सुना गया, जो स्वामी के चले जाने का आदेश पाकर अवज्ञा से हँस दे। भक्तिन को नौकर कहना उतना ही असंगत है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अंधेरे-उजाले और आँगन में फूलने वाले गुलाब और आम को सेवक मानना। वे जिस प्रकार एक अस्तित्व रखते हैं, जिसे सार्थकता देने के लिए ही हमें सुख-दुःख देते हैं, उसी प्रकार भक्तिन का स्वतंत्र व्यक्तित्व अपने विकास के परिचय के लिए ही मेरे जीवन को घेरे हुए है।

त्तर - 

संदर्भ- महादेवी वर्मा द्वारा रचित 'भक्तिन रेखाचित्र से ये पंक्तियाँ उद्धृत हैं। यह रेखाचित्र हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह- भाग 2 में संकलित है।

प्रसंग - यहाँ महादेवीजी ने अपने और भक्तिन के परस्पर सम्बन्धों की व्याख्या की है। जिसमें यह ध्वनित है , कि उन दोनों का सम्बन्ध सेवक और मालिक जैसा नहीं लगता।

व्याख्या - भक्तित और महादेवी का संबंध नौकरानी या स्वामिनी का संबंध न होकर आत्मीय संगिनी का सबंध था। भक्तिन और लेखिका के बीच में सेवक स्वामी का संबंध है, यह कहना कठिन है क्योंकि ऐसा कोई स्वामी नहीं हो सकता, जो इच्छा होने पर | सेवक को अपनी सेवा से हटा न सके और ऐसा कोई सेवक भी नहीं सुना गया, जो स्वामी के चले जाने का आदेश पाकर अवज्ञा से हँस दे भक्तिन की नौकर कहना उतना ही असंगत है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अंधेरों-उनाले और आंगन में फूलने वाले गुलाब और आम को सेवक मानना में हमें सुख देते हैं, परंतु हमसे कोई अपेक्षा नहीं रखते उनका अपना अस्तित्व है। भक्तिन पर भी यह बात लागू होती है। भक्तिन का स्वतंत्र व्यक्तित्व अपने विकास के लिए लेखिका के जीवन को घेरे हुए है।

विशेष - (1) भक्तिन के साथ महादेवीजी का कैसा सम्बन्ध है उसकी व्यंजना यहाँ की गयी है। 

(2) महादेवीजी यही मानती है कि भक्तिन और उनके बीच में सेवक स्वामी का सम्बन्ध मानना उचित नहीं है। 

(3) भाषा सरल, साहित्यिक परिष्कृत है। जिसमें तत्सम शब्दावली के साथ प्रचलित शब्दावली की भी व्यंजना है। 

(4) शैली वर्णनात्मक है जिसमें सम्बन्धों की स्थिति व्यजित करने हेतु बड़े सार्थक सादृश्यों की योजना की गयी है।

अथवा

यहाँ मुझे ज्ञात होता है कि बाजार को सार्थकता भी वही मनुष्य देता है जो जानता है कि वह क्या चाहता है और जो नहीं जानते कि वे क्या चाहते हैं, अपनी पर्चेजिंग पावर के गर्व में अपने पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति ही बाजार को देते हैं। न तो वे बाजार से लाभ उठा सकते हैं, न उस बाजार को सच्चा लाभ दे सकते हैं। वे लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं। जिसका मतलब है कि कपट बढ़ाते हैं कपट की बढ़ती का अर्थ परस्पर में सद्भाव की घटी। 

उत्तर - 

सन्दर्भ- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'सृजन से संकलित 'बाजार दर्शन' शीर्षक विचारात्मक निबन्ध से उद्धृत है इसके लेखक जैनेन्द्र कुमार हैं।

प्रसंग -लेखक का मानना है कि बाजार लोगों की जरूरत की चीजें उनको उपलब्ध कराने के लिए है यदि वह चीजों का अनुचित विज्ञापन करके उन्हें लोगों को भेड़ने का प्रयास करता है तो वह अपने लक्ष्य से विरत हो जाता है।

व्याख्या- लेखक कहता है कि बाजार जाने वाले को यह ठीक तरह पता होना चाहिए कि उसको किस चीज की जरूरत है, यह जानने वाला ग्राहक ही बाजार को एक महत्वपूर्ण उपयोगी संस्था बनाने में सहायक होता है। जो मनुष्य अपनी आवश्यकता की चीजों का सही ज्ञान नहीं रखता और बाजार जाकर अपनी क्रय शक्ति का घमण्ड दिखाता है तथा अनाप-शनाप गैर जरूरी चीजें खरीद डालता है। वह बाजार की उपयोगिता भंग करके उसको हानि पहुँचाता है। उसके कारण बाजार को एक विनाशकारी शक्ति प्राप्त हो जाती है। ऐसे व्यक्तियों के कारण बजार ग्राहक को सामान उपलब्ध कराने के उपयोगी स्थल के बजाय उनके शोषण का स्थान बन जाता है। उनके कारण बाजार में छल-कपट बढ़ता है। ठगी बढ़ती है। विक्रेता और क्रेता के बीच का सद्भाव नष्ट हो जाता है। दोन एक-दूसरे पर अविश्वास करते हैं और एक-दूसरे को ठगने का प्रयास करते हैं।

विशेष - 1. बाजार की उपयोगिता ग्राहक की जरूरत का सामान उसको उपलब्ध कराने में है। 

2. ग्राहकों को ललचाकर सामान बेचना उनको ठगना है। ग्राहक द्वारा पैसे के बल पर अनावश्यक चीजें खरीदना अनुचित है। दोनों ही बाजार की सार्थकता को नष्ट करते हैं।

3. भाषा बोधगम्य तथा प्रवाहपूर्ण है। 

4. शैली विचारात्मक है।


22. विद्यालय के प्राचार्य को विद्यालय के बुक बैंक से पुस्तकें प्राप्त करने हेतु आवेदन लिखिए। (04 अंक)

उत्तर -

सेवा में ,

श्रीमान प्रधानाध्यापक

न्यू इंडियन पब्लिक स्कू म.प्र. भोपाल

दिनांक 10/01/2023

विषयक- बैंक से पाठ पुस्तक प्राप्त करने हेतु। 

महोदय,

निवेदन है कि में कक्षा 12 का छात्र विजय कुमार हूं। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय है क्योंकि मेरे पिताजी की मासिक कमाई केवल ₹2000 है। वह दिन भर मजदूरी करते हैं लेकिन फिर भी अत्यधिक कमाई नहीं कर पाते हैं जिसमें से ज्यादातर तो परिवार के पालन-पोषण में ही खर्च हो जाता है। जिसके कारण मेरी पढ़ाई के लिए पैसे नहीं बच पाते हैं। इसलिए मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि आप मुझे बुक बैंक से कक्षा 12 की पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रदान करें जिससे मैं अपनी आगे की शिक्षा जारी रख सकूं।

मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि मैं प्रत्येक वर्ष कक्षा में प्रथम आता हूं और अन्य प्रतियोगिताओं में विद्यालय का नाम भी रोशन करता हूँ।

आशा है कि आप मेरे प्रार्थना पर अति शीघ्र अगल करेंगे और मुझे पाठ्य पुस्तक प्रदान करने की कृपा करेंगे।

सधन्यवाद

आपका आज्ञाकारी शिष्य

विजय कुमार 

कक्षा-12


अथवा


आप एक छात्रावास में रहकर अध्ययन कर रहे हैं। अपने पिताजी को पत्र लिखते हुए परीक्षा हेतु अपनी संतोषजनक तैयारी की जानकारी दीजिए।

उत्तर - 

बाकलीवाल उच्च विद्यालय,

म.प्र., भोपाल दिनांक: 10/01/2023

विषय - छात्रावास से पिताजी को पढ़ाई की जानकारी संबंध में पत्र । 


पूज्य पिताजी

सप्रेम नमस्कार, मैं यहाँ के छात्रावास में ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि आप ठीक होंगे। में यह पत्र आपको अपनी पढ़ाई के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूँ। मेरी पढ़ाई बहुत अच्छे से चल रही है। मैंने अर्धवार्षिक परीक्षा की अच्छी से तयारी की है। मुझे आशा है में कक्षा में अच्छे गुणों से स्थान प्राप्त करूंगा है। इसलिए आपके ही शुभकामनाएं की जरूरत है।

सही समय पर मेरा मार्गदर्शन करने और हमेशा मेरे पीछे खड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। इस बार में वादा करता हूं कि में अच्छे अंकों के साथ कक्षा में आने की कोशिश करूंगा।


आपका पुत्र 

धिरज कुमार


23. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर रूपरेखा सहित निबंध लिखिए (04 अंक)

1. पुस्तकालय का महत्त्व 

2. प्रदूषण कितना घातक

3. मनोरंजन के साधन

4. बुजुगों की देखभाल

5. स्वावलंबन

उत्तर - विद्यार्थी स्वयं करें । 

पीडीएफ़ DOWNLOAD करें । 




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